अपवर्तनांक (Refractive Index)
अपवर्तनांक (Refractive Index) एक भौतिक राशि है जो यह बताती है कि किसी माध्यम से होकर प्रकाश किस प्रकार गुजरता है। जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है, तो उसकी गति बदल जाती है, जिससे प्रकाश की दिशा में परिवर्तन होता है। इस दिशा परिवर्तन को अपवर्तन कहा जाता है और इसे मापने के लिए अपवर्तनांक का उपयोग किया जाता है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!अपवर्तनांक को निम्नलिखित सूत्र से व्यक्त किया जाता है:
n=cvn = \frac{c}{v}n=vc
जहाँ:
- nnn = अपवर्तनांक
- ccc = प्रकाश की गति निर्वात (vacuum) में
- vvv = प्रकाश की गति उस माध्यम में
उदाहरण के लिए, पानी का अपवर्तनांक लगभग 1.33 होता है, जिसका अर्थ है कि पानी में प्रकाश की गति, निर्वात की तुलना में धीमी होती है।
हिन्दू पौराणिक कथाओं में इसे सरल रूप में समझने के लिए हम ऐसे मान सकते हैं कि जैसे कोई दैवीय शक्ति (प्रकाश) जब भौतिक जगत (माध्यम) में आती है, तो उसकी दिशा या गति प्रभावित होती है।
निरपेक्ष अपवर्तनांक और आपेक्षिक अपवर्तनांक के बीच मुख्य अंतर यह है कि दोनों प्रकाश की गति के विभिन्न संदर्भों में मापन को व्यक्त करते हैं। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:
1. निरपेक्ष अपवर्तनांक (Absolute Refractive Index):
यह किसी माध्यम में प्रकाश की गति की तुलना निर्वात (vacuum) में प्रकाश की गति से करता है। निर्वात में प्रकाश की गति को सबसे अधिक माना जाता है, और किसी अन्य माध्यम में प्रकाश की गति की तुलना इससे की जाती है।
सूत्र: n=cvn = \frac{c}{v}n=vc
जहाँ:
- nnn = निरपेक्ष अपवर्तनांक
- ccc = निर्वात में प्रकाश की गति
- vvv = उस माध्यम में प्रकाश की गति
उदाहरण: पानी का निरपेक्ष अपवर्तनांक 1.33 होता है, जिसका अर्थ है कि पानी में प्रकाश की गति निर्वात की तुलना में 1.33 गुना कम होती है।
2. आपेक्षिक अपवर्तनांक (Relative Refractive Index):
यह दो माध्यमों के बीच प्रकाश की गति का अनुपात है। इसमें एक माध्यम की तुलना दूसरे माध्यम से की जाती है, न कि निर्वात से।
सूत्र: n21=v1v2n_{21} = \frac{v_1}{v_2}n21=v2v1
जहाँ:
- n21n_{21}n21 = माध्यम 2 का, माध्यम 1 की तुलना में आपेक्षिक अपवर्तनांक
- v1v_1v1 = माध्यम 1 में प्रकाश की गति
- v2v_2v2 = माध्यम 2 में प्रकाश की गति
उदाहरण: अगर प्रकाश हवा से पानी में प्रवेश करता है, तो हम हवा और पानी के बीच का आपेक्षिक अपवर्तनांक निकाल सकते हैं।
मुख्य अंतर:
- संदर्भ माध्यम:
- निरपेक्ष अपवर्तनांक में संदर्भ माध्यम निर्वात होता है।
- आपेक्षिक अपवर्तनांक में संदर्भ दो माध्यमों के बीच होता है।
- सूत्र:
- निरपेक्ष अपवर्तनांक का सूत्र निर्वात और उस माध्यम की गति से संबंधित होता है।
- आपेक्षिक अपवर्तनांक का सूत्र दो माध्यमों के बीच की गति से संबंधित होता है।
इसे सरल भाषा में इस प्रकार समझ सकते हैं कि निरपेक्ष अपवर्तनांक यह बताता है कि प्रकाश निर्वात से किसी माध्यम में जाने पर कितना धीमा हो जाता है, जबकि आपेक्षिक अपवर्तनांक यह बताता है कि एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर प्रकाश की गति में कितना बदलाव होता है।
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